निदा फ़ाज़ली (मुक़तिदा हसन निदा फ़ाज़ली) एक उर्दू शायर थे और दिल्ली में पैदा हुए थे। उनके पिता भी एक उर्दू कवि थे। यहां हम उनकी कुछ बेहतरीन शायरी लेकर आए हैं ! – Nida Fazli shayari in hindi
बात कम कीजे, जहानत को छिपाते रहिये !
अजनबी शहर है ये, दोस्त बनाते रहिये !!
दुश्मनी लाख सही, ख़त्म ना कीजे रिश्ता !
दिल मिले ना मिले, हाथ मिलते रहिये !!
ये तो चेहरे कि शबाहत हुई तस्वीर नहीं !
इस पे कुछ रंग अभी और चढ़ाते रहिये !!
गम हैं आवारा अकेले में भटक जाता हैं !
जिस जगह भी रहिये, मिलते मिलाते रहिये !!
जाने कब चाँद बिखर जाये जंगल में !
घर कि चौखट पे कोई दीप जलाते रहिये !!
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीं तो कहीं आसमा नहीं मिलताबुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले
ये ऐसी आग है जिसमें धुआँ नहीं मिलतातमाम शहर में ऐसा नहीं खुलूस हो
जहाँ उम्मीद हो इसकी वहां नहीं मिलताकहाँ दिया जलाये कहाँ गुलाब रखें
छतें तो मिलती है लेकिन मका नहीं मिलताये क्या अजाब है सब अपने आप में गुम हैं
जबा मिली है मगर हमजबा नहीं मिलताचिराग जलते ही बीनाई बुझने लगती है
खुद अपने घर में ही घर का निशा नही मिलता
very good post !! like it very much 🙂